About sidh kunjika
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
मनचाहा फल पाने के लिए ये get more info पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।